तेरी सूरत पे तुझको नाज़ है तो ग़म कैसा, पर नज़र को | हिंदी शायरी Video

"तेरी सूरत पे तुझको नाज़ है तो ग़म कैसा, पर नज़र को कोई और भाए ऐसा मंजर नही मांगा । तू मुस्कुराए मानों लहलहाती फ़सल कोई, बस एक तेरे सिवा कोई बंजर नही मांगा । देखकर नाम मेरे नाम के साथ, जल गया जमाना, मैंने घर के उनका खजाना तो नहीं मांगा । ©Navash2411 "

तेरी सूरत पे तुझको नाज़ है तो ग़म कैसा, पर नज़र को कोई और भाए ऐसा मंजर नही मांगा । तू मुस्कुराए मानों लहलहाती फ़सल कोई, बस एक तेरे सिवा कोई बंजर नही मांगा । देखकर नाम मेरे नाम के साथ, जल गया जमाना, मैंने घर के उनका खजाना तो नहीं मांगा । ©Navash2411

#नवश

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