जैसे एक बहुत लम्बी सज़ा काट कर
लौटता है कोई निरपराध क़ैदी
कोई आदमी
अस्पताल में
बहुत लम्बी बेहोशी के बाद
एक बार आँखें खोलकर लौट जाता है
अपने अन्धकार मॆं जिस तरह।
......
मैं लौट जाऊँगा
जैसे समस्त महाकाव्य, समूचा संगीत, सभी भाषाएँ और
सारी कविताएँ लौट जाती हैं एक दिन ब्रह्माण्ड में वापस
उदय प्रकाश
©river_of_thoughts
#Poetry