अपनी हद से...गुजर गया कोई,
मेरे दिल मे...उतर गया कोई।
वो कोई आएगा नहीं लेकिन...,
उसका ख्याल आया...सभंर गया कोई।।
उसका एहसान कैसे भूलुगा मैं...
जो दे के अपना हुनर...गया कोई ।
सोचता हूं मैं अपने घर जाकर...
इतना पी-के भी घर गया कोई ।।
©Pardeep Jitpuria
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