लिख दे शोक हम तो हमारी कलम अशरु बहाने की छमता रखती | हिंदी Poetry

"लिख दे शोक हम तो हमारी कलम अशरु बहाने की छमता रखती थी लिख दे अलगाव तो कलम रक्त बहाने की छमता रखती हैं प्रतंचा खींचते h पृथ्वी राज कलम तीर को दिसा दिखाने की ताकत रखती है लिखा गया कलम से ही देश का संविधान कलम से ही लिखा है गीता का मर्म और वेदों का ज्ञान ©कवि Shivam"

 लिख दे शोक हम तो हमारी कलम अशरु बहाने की छमता रखती थी
लिख दे अलगाव तो कलम रक्त बहाने की छमता रखती हैं
प्रतंचा खींचते h पृथ्वी राज 
कलम तीर को दिसा दिखाने की ताकत रखती है
लिखा गया कलम से ही देश का संविधान 
कलम से ही लिखा है गीता का मर्म और वेदों का  ज्ञान

©कवि Shivam

लिख दे शोक हम तो हमारी कलम अशरु बहाने की छमता रखती थी लिख दे अलगाव तो कलम रक्त बहाने की छमता रखती हैं प्रतंचा खींचते h पृथ्वी राज कलम तीर को दिसा दिखाने की ताकत रखती है लिखा गया कलम से ही देश का संविधान कलम से ही लिखा है गीता का मर्म और वेदों का ज्ञान ©कवि Shivam

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