,,,राही हूं इस राह में अकेला ,किसीसे साथ क्या माँगूँ,,,
,,,जब मेने चलना सीखा हे हरेक राह मे अकेला,,,,
,,,,तो मे काफिले को क्या जानू,,,
,,, में पेदा ही सेरों 🦁में हुआ हूं,,,,
,,,,तो कुतों🐕 की चाल को मैं क्या जानू,,,,
©pritam singh suryavanshi
सुर्य की तपन को हर कौइ सहन नही कर सकता