मतवाली आँखें ना अंजर अजीब था ना मंजर अजीब था। उसकी | हिंदी शायरी

"मतवाली आँखें ना अंजर अजीब था ना मंजर अजीब था। उसकी आँखों ने चलाया वो ख़ंजर अजीब था।। आजाद सिंह"

 मतवाली आँखें ना अंजर अजीब था ना मंजर अजीब था।
उसकी आँखों ने चलाया वो ख़ंजर अजीब था।।
आजाद सिंह

मतवाली आँखें ना अंजर अजीब था ना मंजर अजीब था। उसकी आँखों ने चलाया वो ख़ंजर अजीब था।। आजाद सिंह

मतवाली आँखे @ananya Rajesh @sweeti kumari @Arshad ansari khushi kumawat.. 😊 Ritika suryavanshi

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