White *होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते* *साहि | हिंदी शायरी

"White *होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते* *साहिल पे समुंदर के ख़ज़ाने नहीं आते* *पलकें भी चमक उठती हैं हमारी* *आँखों को अब ख़्वाब छुपाने नहीं आते* *दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है* *अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते* *यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं* *अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते* *उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में* *फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते* *इस शहर के बादल तेरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं* *ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते* *अहबाब भी ग़ैरों की अदा सीख गए हैं* *आते हैं मगर दिल को दुखाने नहीं आते* Op Verma ☺️ ©Narayan Nirmlakar"

 White *होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते*
*साहिल पे समुंदर के ख़ज़ाने नहीं आते*

*पलकें भी चमक उठती हैं   हमारी*
*आँखों को अब ख़्वाब छुपाने नहीं आते*

*दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है*
*अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते*

*यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं*
*अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते*

*उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में*
*फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते*

*इस शहर के बादल तेरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं*
*ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते*

*अहबाब भी ग़ैरों की अदा सीख गए हैं*
*आते हैं मगर दिल को दुखाने नहीं आते*
                 
 Op Verma ☺️

©Narayan Nirmlakar

White *होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते* *साहिल पे समुंदर के ख़ज़ाने नहीं आते* *पलकें भी चमक उठती हैं हमारी* *आँखों को अब ख़्वाब छुपाने नहीं आते* *दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है* *अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते* *यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं* *अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते* *उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में* *फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते* *इस शहर के बादल तेरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं* *ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते* *अहबाब भी ग़ैरों की अदा सीख गए हैं* *आते हैं मगर दिल को दुखाने नहीं आते* Op Verma ☺️ ©Narayan Nirmlakar

#love_shayari हिंदी शायरी

People who shared love close

More like this

Trending Topic