मैंने मोहब्बतों के किस्से हजार देखें है चंद रूपयों | हिंदी Shayari
"मैंने मोहब्बतों के किस्से हजार देखें है
चंद रूपयों के लिए मैंने लोगों को बदलते प्यार देखें है,
तु जिक्र न कर तेरे अमर प्यार का
मैंने इन प्यार से भरे-पड़े बड़े बाजार देखें है...
-Shivvusinghrana"
मैंने मोहब्बतों के किस्से हजार देखें है
चंद रूपयों के लिए मैंने लोगों को बदलते प्यार देखें है,
तु जिक्र न कर तेरे अमर प्यार का
मैंने इन प्यार से भरे-पड़े बड़े बाजार देखें है...
-Shivvusinghrana