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"न जाने क्यों में अपने मन को समझता हूं, शायद हकीकत से में भी घबराता हू। में कहना तो बहोत कुछ चाहता हू, लेकिन फिर हकीकत के उसी मोड़ पे आ जाता हूं। ©ankit naval "
न जाने क्यों में अपने मन को समझता हूं, शायद हकीकत से में भी घबराता हू। में कहना तो बहोत कुछ चाहता हू, लेकिन फिर हकीकत के उसी मोड़ पे आ जाता हूं। ©ankit naval
#दिल_ए_दास्तां #शायरी #मन_के_अरमां
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