आखों से बहता है पानी कैसी है ये ज़िन्दगानी दिल म | हिंदी कविता
"आखों से बहता है पानी कैसी है ये ज़िन्दगानी
दिल मेरा टूटा सा है
लगता ख़ुदा मेरा रूठा सा है।
बचपने में हुई है हमसे नादानी ,
अधूरी रह गई है मेरी कहानी।
✍️✍️माही"
आखों से बहता है पानी कैसी है ये ज़िन्दगानी
दिल मेरा टूटा सा है
लगता ख़ुदा मेरा रूठा सा है।
बचपने में हुई है हमसे नादानी ,
अधूरी रह गई है मेरी कहानी।
✍️✍️माही