उनके किए कुर्बानियो को कई बार
मैं उनका फ़र्ज समझने लगता हूँ
जब अपने पर आपबीती बितति हैं जनाब
तब उनके किए एक-एक कर्ज समझने लगता हूँ
न जाने क्यु बात करने से कतराता हूँ
हिम्मत जुटा के जाता फिर लौट आता हूँ
उन्हें ख़ुद से कई ज्यादा प्यार करता हूँ
मगर मुश्किल ये साहब की बोल नही पाता हूँ
पापा' औरों के लिए बस एक नाम हैं
मेरे लिए तो मेरा पुरा आसमान हैं पापा
पापा औरों के लिए खिलौने की दुकान है
मेरे लिए मेरे खुशियों का पायदान है पापा
अगर पिता आपके साथ हैं
तो ज़िंदगी की क्या ही बात है
अगर पिता का साया न साथ है
तो पुरी ज़िंदगी मुस्किलो भरी रात हैं
©Half Notebook
#FathersDay2021
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