जय परमेश्वर
अबतोजोकुछ मेरेउपरहोचुकीहे वोह बीतीहुईलीखताहूं ओर-मुझकोतोःईनसोदागरांनने तरह२की;जालसाजीयां,दीखलाइहें ईससे;में;बार२लीखकर तुमभुलेहुये शखसोंको खबरदारकरताहूं क्युंकि;ईनबनीयोंने फकत दुनीयांकेनांमका,पापहीचलायाहे ओर पापसेहीःबुराकरतेहें;सोमुझको ईनकापाप?मालुमहोगयाहे-जीससे में आपलोगोंको वाकीफकरताहूं- ओर लीखताहूं ओर तुमसब संसारअपनी२आंखोंसे देखरहेहो किकेसा;जुलम चलायाहे.... ( ४२ )
अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
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©जगत हितकारनी 274
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