Unsplash कभी-2 सहनी पड़ती है, अपनों से जुदाई,
किसी को बेपनाह चाहने की, करनी पड़ती है भरपाई। फिर भगवान् से किस बात का रूठना या लड़ाई, ना बन कर फिरो यूँ, अब शदाई, अपनी कब्र तुमने, खुद ही तो है बनाई।
©Shivani
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