मैं झोका हु हवा का किसी से बधूंगी नही
उड़ते ही रहना है मुझे कभी थमूंगी नही
मैं अश्क हूं बर्फ सी की मैं अश्क हु बर्फ सी आंखों मैं जम जाऊंगी पर बहूंगी नही
आसमान की बुलंदियों पर हैअब मेरा रहगुजर की आसमान की बुलंदियों पर है अब मेरा रहगुजर जमी पर ठोकर खाकर तो अब गिरूंगी नही
मैं झोका हु हवा का बंधूंगी नही
©Neeta
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