आज फिर खोली किताब बंद उसकी, जिसमे से आई फिर मुझे | हिंदी Shayari Video

"आज फिर खोली किताब बंद उसकी, जिसमे से आई फिर मुझे सुगंध उसकी, पहले पन्ने पर था नाम मेरा संग उसके, कुछ पन्ने पलटाए तो देखो मिले सबुत किसके, --एक गुलाब मुरझाया सा, जो मैं उसे देने लाया था, जिसे उसने कहा, फिर मैने उसके बालो में सजाया था, अब सुखा सही, पर हंस रहा है मुझपर वह गुलाब, कहता है मेरे टूटने पर बहुत खुश हुए थे न जनाब, कहा था उनके बालो मे लगाकर " खूब जच रहा है ", दिल टुट गया न तुम्हारा भी कहो तो कैसा लग रहा है?? ©Riya Anshulika "

आज फिर खोली किताब बंद उसकी, जिसमे से आई फिर मुझे सुगंध उसकी, पहले पन्ने पर था नाम मेरा संग उसके, कुछ पन्ने पलटाए तो देखो मिले सबुत किसके, --एक गुलाब मुरझाया सा, जो मैं उसे देने लाया था, जिसे उसने कहा, फिर मैने उसके बालो में सजाया था, अब सुखा सही, पर हंस रहा है मुझपर वह गुलाब, कहता है मेरे टूटने पर बहुत खुश हुए थे न जनाब, कहा था उनके बालो मे लगाकर " खूब जच रहा है ", दिल टुट गया न तुम्हारा भी कहो तो कैसा लग रहा है?? ©Riya Anshulika

#roseday #गुलाब #सवाल

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