तेरे मुताबिक ढल के देखेंगे
हम लहज़ा बदल के देखेंगे
है उम्मीद नहीं तू थामेगा हाथ
पर तेरी ओर चल के देखेंगे
मैं तो डूब गया तेरी आंखों में
तेरी बातों से बहल के देखेंगे
ताउम्र यूं ही लिखना है तुम्हें
लोग करिश्में ग़ज़ल के देखेंगे
अब चैन-ओ-सुकूँ नहीं दिल को
तेरी बाहों में संभल के देखेंगे
©बेजुबान शायर shivkumar
तेरे #मुताबिक ढल के देखेंगे
हम लहज़ा #बदल के देखेंगे
है #उम्मीद नहीं तू थामेगा हाथ
पर तेरी ओर चल के देखेंगे
मैं तो डूब गया तेरी #आंखों में
तेरी बातों से #बहल के देखेंगे