"चोटें हैं दिल पे गहरी बहुत
इन जख्मों को भरे कोई कैसे
ये दिल तो ख़ुद दुश्मन है मेरा
इस दुश्मन से लड़े कोई कैसे
बिछड़ते हुए कह गए थे आयेंगे
"हिलाल" मरने से पहले तेरे
ख़ुदा बख़्श दे सांसे चंद और
उन्हें देखे बिना मरे कोई कैसे
~हिलाल हथरवी
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©Hilal Hathravi"