चल पड़ा हु मै उसी राह जिस राह का ना कोई अंत यहां र | हिंदी शायरी

"चल पड़ा हु मै उसी राह जिस राह का ना कोई अंत यहां राहें रास्ता राहें मंजिल चलना है जीवन पर्यंत यहां ©Muntashir Soul"

 चल पड़ा हु मै उसी राह
जिस राह का ना कोई अंत यहां
राहें रास्ता राहें मंजिल
चलना है जीवन पर्यंत यहां

©Muntashir Soul

चल पड़ा हु मै उसी राह जिस राह का ना कोई अंत यहां राहें रास्ता राहें मंजिल चलना है जीवन पर्यंत यहां ©Muntashir Soul

चलना है जीवन पर्यंत यहां। NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) Mamtaj Priya Internet Jockey Anshu writer Sk Manjur

People who shared love close

More like this

Trending Topic