White उसने कहा :- क्या सोच रही हो ढलते सूरज को तकते हुए ?
मैंने कहा :- सोच रही हूं कि वे स्त्रियां कैसे संभालती होंगी खुद को
और क्या उनकी पीड़ा को भी कोई समझता होगा
जो अपने जीवनसाथी की कभी पसंदीदा स्त्री नहीं बन पायी
और अपने प्रेमी की कभी जीवनसंगिनी नहीं बन पायी
Suman kothari
©एहसासों की दुनिया
#love_shayari