White जन-मन की अभिलाषा हो तुम ही भाग्य विधाता हो | हिंदी कविता

"White जन-मन की अभिलाषा हो तुम ही भाग्य विधाता हो दाता के देवता तुम ठहरे तुम ही शिव-शिवाला ठहरे कृत्य-नृत्य के तुम दर वाले तुम ही पत्थर-मोम पिहारे आशा के हैं लौ जलाते तुम अंधकार बाटते-मिटाते हो असुर के तुम संहारे तुम ही देवी तुम ही उजियारे तुम ही जीवन तुम ही मरण तुम ही शांति तुम ही अमन तुम्हें पुकारते जग के हारे तुम जिताते उन्हें संवारते हैं शरण चित मेरा तुम्हारे शरणागत हैं हम सांझ-सकारे तुम ही ॐ हो तुम ही नमः तुम ही खड्ग और बाण तुम्हीं जय-जय हो अभिमान तुम्हारा जय -जय हो कृपा निधान तुम्हारा कर जोड़ नमन करबद्ध नमन हो जग में अमन हो मेरा अमन ©सौरभ अश्क"

 White जन-मन की अभिलाषा हो 
तुम ही भाग्य विधाता हो
दाता के देवता तुम ठहरे
तुम ही शिव-शिवाला ठहरे
कृत्य-नृत्य के तुम दर वाले
तुम ही पत्थर-मोम पिहारे 
आशा के हैं लौ जलाते
तुम अंधकार बाटते-मिटाते 
हो असुर के तुम संहारे 
तुम ही देवी तुम ही उजियारे
तुम ही जीवन तुम ही मरण
तुम ही शांति तुम ही अमन
तुम्हें पुकारते जग के हारे
तुम जिताते उन्हें संवारते 
हैं शरण चित मेरा तुम्हारे
शरणागत हैं हम सांझ-सकारे 
तुम ही ॐ हो तुम ही नमः 
तुम ही खड्ग और बाण तुम्हीं 
जय-जय हो अभिमान तुम्हारा
जय -जय हो कृपा निधान तुम्हारा
कर जोड़ नमन
करबद्ध नमन
हो जग में अमन
हो मेरा अमन

©सौरभ अश्क

White जन-मन की अभिलाषा हो तुम ही भाग्य विधाता हो दाता के देवता तुम ठहरे तुम ही शिव-शिवाला ठहरे कृत्य-नृत्य के तुम दर वाले तुम ही पत्थर-मोम पिहारे आशा के हैं लौ जलाते तुम अंधकार बाटते-मिटाते हो असुर के तुम संहारे तुम ही देवी तुम ही उजियारे तुम ही जीवन तुम ही मरण तुम ही शांति तुम ही अमन तुम्हें पुकारते जग के हारे तुम जिताते उन्हें संवारते हैं शरण चित मेरा तुम्हारे शरणागत हैं हम सांझ-सकारे तुम ही ॐ हो तुम ही नमः तुम ही खड्ग और बाण तुम्हीं जय-जय हो अभिमान तुम्हारा जय -जय हो कृपा निधान तुम्हारा कर जोड़ नमन करबद्ध नमन हो जग में अमन हो मेरा अमन ©सौरभ अश्क

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#प्रेम
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#इक्षाशक्ति

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