अरे पगली मुझे झुमके लाने लायक बनने दे
वो हर बार कहता है
जरा सयाना होने दे मुझे
मेरी नादानियों से उभरने दे मुझे
मेरी जेब खर्च से तो मेरा ही पूरा नहीं होता पगली
और मैंने तो तेरे खूबसूरत कानों पर झुमका सजाना है
अरे सुन पगली
तू मुझे बस छोटा मोटा सा कारोबार तो करने दे
मुझे वो गली की सबसे महंगी दुकान से झुमके लाने लायक बनने दे
तू ना किया कर चूड़ियों की जिद पगली तेरे
कानों पर अपने हाथों से झुमकों को सजा पाऊं ये हक तू मुझे दे दे
अरे पगली तू मुझे झुमके लाने लायक बनने दे
©diya the poetter