उड़ गए परिंदे दरख़्त के जलते ही, नया आशियां बनाने | हिंदी शायरी

"उड़ गए परिंदे दरख़्त के जलते ही, नया आशियां बनाने को उसका इक तिनका तक न रहा। - पीयूष प्रार्थी ©Piyush Prarthi"

 उड़ गए परिंदे दरख़्त के जलते  ही,
नया आशियां बनाने को उसका इक तिनका तक न रहा।

- पीयूष प्रार्थी

©Piyush Prarthi

उड़ गए परिंदे दरख़्त के जलते ही, नया आशियां बनाने को उसका इक तिनका तक न रहा। - पीयूष प्रार्थी ©Piyush Prarthi

#DryTree

People who shared love close

More like this

Trending Topic