अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, | हिंदी कविता

"अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है। ©Deep Kumar"

 अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है।

©Deep Kumar

अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है। ©Deep Kumar

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