तूम जो ढोये जा रहे वो बोझ
का वज़न दुनियां कभी जान पायेगी,
नहीं जान पायेगी वो कि तपती धूप में दो वक्त की रोजी- रोटी के लिए
जिस्म को जलाना कैसा होता है?
और कैसा महसूस तुम्हें होता है?
हर खूबसूरत चीज़ को
बनाकर उसका लाभ जीवन में कभी नहीं लेना..
# मजदूर दिवस