हंस रही ये समाज बिन बंधक से आजाद, तू परवाज भरते हो | हिंदी शायरी Video

"हंस रही ये समाज बिन बंधक से आजाद, तू परवाज भरते हो न उड़ पाओगे बाद भी स्वराज के जो तुम न कभी उड़ान की रियाज़ करते हो ©G.S BHARTENDU "

हंस रही ये समाज बिन बंधक से आजाद, तू परवाज भरते हो न उड़ पाओगे बाद भी स्वराज के जो तुम न कभी उड़ान की रियाज़ करते हो ©G.S BHARTENDU

#MountainPeak #शायर #udaan

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