White पिता छांव है जीवन के घने धूप में,
पिता शान है संघर्षों के रूप में।
पिता है तो अरमानों को पंख नए लगते है,
पिता है तो सपनों को साख नए उगते है।
पिता है तो जिद्द करने ही हिम्मत है,
पिता है तो रूठने की जुर्रत है।
पिता है तो वादों में कुछ बात है,
पिता है तो बाजार में से कुछ भी खरीदने की औकात है।
पिता है तो बेफिक्र जिम्मेदारियों से,
पिता है तो अपनी फकीरी में ही मस्त
और मुक्त हर तैयारियों से।
पिता है तो बच्चों का खुला अंतहीन आसमान है,
पिता है तो मुट्ठी में यह जहान है।
पिता का नही छांव है जीवन के घने धूप में,
तो अकेला थका हुआ,
जैसे सूना सब कुछ,
पिता नही तो टूटा हर कुछ।
©Prashant Roy
#fathers_day #Hindi