#FourLinePoetry जैसा खाएं अन्न वैसा हो मन मीठा खाए | हिंदी शायरी

"#FourLinePoetry जैसा खाएं अन्न वैसा हो मन मीठा खाएं और जुबान से भी मीठा बोलने की आदत डालें ©R.S.Meghwal"

 #FourLinePoetry जैसा खाएं अन्न वैसा हो मन
मीठा खाएं और जुबान से भी 
मीठा बोलने की आदत डालें

©R.S.Meghwal

#FourLinePoetry जैसा खाएं अन्न वैसा हो मन मीठा खाएं और जुबान से भी मीठा बोलने की आदत डालें ©R.S.Meghwal

#R.S.Meghwal
#fourlinepoetry

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