कभी देखा है
पत्ते को डाल से बिछड़ते हुए
गिरता है उसके ही कदमों पर
कुछ पल कदमों में ही रहता है
सूखता है मौसम के जैसे
हवा के रुख के संग चलता है
टूटता है हल पल वो रह रह कर
और फिर बिखर सा जाता है
एकाएक मिल जाता है मिट्टी में
खाद का सा काम करता है
नए बीज को जन्म देता है
फिर किस्सा वही दोहराता है
कुछ ऐसा ही तो होता है ना जब
माँ की कोख से बच्चा दुनिया में आता है
©Preety
#Silence