तुम हमसे यूँ रुसवा हो कोई बात तो होगी।
इंतजार में है कि एक रोज मुलाकात तो होगी।
दरिया सूखने लगा है फिर भी खुश रहता है,
इस आस में कि एक रोज बरसात तो होगी।
खत्म यूँ भी कहाँ होगी ये कहानी हमारी,
अभी कहानी की एक रोज शुरुआत तो होगी।
आज नफ़रत है आपके दिल में तो क्या हुआ,
इंतज़ार में रहते हैं कि एक रोज चाहत तो होगी।
शायद दिल लेता होगा मेरा नाम हर सजदे में,
दूर से इशारा करोगी तो एक रोज आहट तो होगी।
आज तस्वीरों से बातें हम तो कर लिया करते हैं,
शायद तुम्हे भी ऐसी एक रोज आदत तो होगी।
#सौरभ एक ख्याल
©
#Light