❤️दर्द ए-जिंदगी💔
ना जाने कौन से गुनाह कर बैठे हैं ,
जो तमन्नाओं की उम्र में तजुर्बे लिए बैठे हैं...
परेशानियों ने दी ऐसी दस्तक जिंदगी मै ,
गम का शलाब दिलो दिमाक पर छाया है ,
कमबख्त उठ गया भरोसा इस जिंदगी से अब तो,
क्योकिं हर किसी ने हमारी अच्छाई फायदा उठाया हैं...
अपने अंदर का बचपना हमेशा जिंदा रखता हूँ ,
मेरे अनुभव ने मुझे सिखाया हैं ,
यहाँ कोई किसी का हमदर्द नही होता,
इस दुनिया ने हर किसी का मजाक उड़ाया हैं,
अब परवाह नही करता किसी की में ,
क्योंकि मेरे जज्बातों ने ही मुझे रुलाया हैं...
जब छोड़ दिया बीच राह में जिंदगी ,
तो अब मेरा जिक्र मत कर ,
मैं जिस भी हाल में हूँ ठीक हूँ ,
ए जिंदगी तू फिक्र मत कर ,
अब छोड़ दें तन्हा तु मुझे मेरे हाल पर ,
जिंदगी तू दर्द देकर ,
अब मेरी हमदर्द बनने की कोशिश मत कर...
राहुल प्रधान
©RAHUL PARDHAN
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