तुम रख सको संजो कर तो एक निशानी हूं मैं,
और खो दो तो बेशक इक छोटी सी कहानी हूं मैं ,
तुम रोक न पाओ मुझको कभी ,
वह दरिया का इक बूंद पानी हूं मैं,
सब में प्यार बिखेरने की आदत हैं हमें,
हर वक्त अलग-अलग पहचान की आदत हैं हमें,
ज़ख्म चाहे जितना भी गहरा हो,
हंस कर गले लगाने की आदत है हमें,
इस अजनबी सी दुनिया में टूटा हुआ छोटा सा कोई सितारा हूं मैं,
उलझे हुए सारे सवालों का सुलझा हुआ इक इशारा हूं मैं,
जो समझ न सके मुझे उनके लिए कुछ न सही,
जो समझे उनके लिए खुली किताब हूं मैं,
आंखों से तो खुश दिखते ,
दिल से पुछने पर अंशुओं का सैलाब हूं मैं,
तुम रख सको संजो कर तो एक निशानी हूं मैं,
और खो दो तो बेशक इक छोटी सी कहानी हूं मैं ।
©Shreya Shukla