एक खोई सी चाहत अब भी दरमियां है, कुछ हो जाए ऐसी | हिंदी Poetry

"एक खोई सी चाहत अब भी दरमियां है, कुछ हो जाए ऐसी ख्वाइश अब भी है, न जाने क्यों दूर हुई उन बातों से जिन बातों पर जिक्र हमेशा से ही मेरा था। ©PoOjA TripAthi.."

 एक खोई सी चाहत अब भी दरमियां है, 

कुछ हो जाए ऐसी ख्वाइश अब भी है, 

न जाने क्यों दूर हुई उन बातों से जिन बातों पर जिक्र हमेशा से ही मेरा था।

©PoOjA TripAthi..

एक खोई सी चाहत अब भी दरमियां है, कुछ हो जाए ऐसी ख्वाइश अब भी है, न जाने क्यों दूर हुई उन बातों से जिन बातों पर जिक्र हमेशा से ही मेरा था। ©PoOjA TripAthi..

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