आदत कैसे कह दूं की अब मोहब्बत नही यादें इतनी है की | हिंदी Shayari

"आदत कैसे कह दूं की अब मोहब्बत नही यादें इतनी है की भुलाए भी तो भुलाई जाती नही नही था कि चाहने वाले की कमी थी पर जिसे हमने चाहा उसने हमे चाहा नही बिखरे थे रंग मैं बहुत से रंग मगर जिस रंग मैं हमे घुलना था वो रंग हमसे मिला नही बंदिशे हम पर भी जमाने की इतनी ही कमजोर था शायद प्यार हालातो से लर पाया नही कितनी आसानी से कह दिया अब मुझे प्यार नहीं आदत थी शायद क्योंकि प्यार तो खत्म ऐसे होता नही आदत थी शायद ©SURAJ RAY"

 आदत कैसे कह दूं की अब मोहब्बत नही
यादें इतनी है की भुलाए भी
 तो भुलाई जाती नही
नही था कि चाहने वाले की कमी थी
पर जिसे हमने चाहा उसने हमे चाहा नही
बिखरे थे रंग मैं बहुत से रंग मगर
जिस रंग मैं हमे घुलना था
वो रंग हमसे मिला नही
बंदिशे हम पर भी जमाने की इतनी ही
कमजोर था शायद प्यार
हालातो से लर पाया नही
कितनी आसानी से कह दिया
अब मुझे प्यार नहीं
आदत थी शायद क्योंकि प्यार तो खत्म ऐसे होता नही
आदत थी शायद

©SURAJ RAY

आदत कैसे कह दूं की अब मोहब्बत नही यादें इतनी है की भुलाए भी तो भुलाई जाती नही नही था कि चाहने वाले की कमी थी पर जिसे हमने चाहा उसने हमे चाहा नही बिखरे थे रंग मैं बहुत से रंग मगर जिस रंग मैं हमे घुलना था वो रंग हमसे मिला नही बंदिशे हम पर भी जमाने की इतनी ही कमजोर था शायद प्यार हालातो से लर पाया नही कितनी आसानी से कह दिया अब मुझे प्यार नहीं आदत थी शायद क्योंकि प्यार तो खत्म ऐसे होता नही आदत थी शायद ©SURAJ RAY

#आदत

People who shared love close

More like this

Trending Topic