रुहानी शायरी। तन्हाइयों की आग में जल रहा हूं मैं। | हिंदी Video
"रुहानी शायरी। तन्हाइयों की आग में जल रहा हूं मैं।
क्या बताऊं किस तरह पिघल रहा हूं मैं।
सिलसिला तबाही का रुकता ही नही है।
शाम के सूरज की तरह ढल रहा हूं मैं।
"उत्तम शोला""
रुहानी शायरी। तन्हाइयों की आग में जल रहा हूं मैं।
क्या बताऊं किस तरह पिघल रहा हूं मैं।
सिलसिला तबाही का रुकता ही नही है।
शाम के सूरज की तरह ढल रहा हूं मैं।
"उत्तम शोला"
#सिलसिला तबाही का रुकता ही नही है।। उत्तम शोला।। रूहानी शायरी।।