White कलयुग तेरा दौर निराला,
नन्हें बच्चें बनें तेरा निवाला,
स्वयं जन्मदाता झोंक रहे हैं,
अपनें प्यारें-दुलारों को,
काल का ग्रास बना रहें,
जह़र खिला रहें जह़र पिला रहें,
हँस-हँस के तेरी प्यास बुझाने को,
इससे भी तेरी भूख ना मिटी तो,
थम़ा दिया है हाथों में मोबाइल,
तुझको बली चढ़ानें को,
संस्कार विहीन, शिक्षा विहीन यदि
बालक कोई हो रहा है दोष उसका नहीं,
दोषी वें जन्मदाता है जो मिटा रहे हैं,
अबोध बचपन अपना समय बचानें को,
कलयुग तेरा दौर निराला,
आया है सबकुछ निगल जाने को..!!
©Varun Raj Dhalotra
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