मृग नयनी चंचल चितवन, मन मूरत एक समाय गयी। जब एक झलक उसकी देखी, हृदय को मेरे भाय गयी। हम सुध-वुध अपनी भूल गए, जब सामने वो मेरे आयी। चातक सी देख दशा मेरी, स्वाति सी वो मुस्काय गयी।। नृपेंद्र शर्मा "सागर" ©Nirpendra Sharma #pehlimulakat Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto