Namaujudgi
इस कमरे का जो ये कोना है, याद है मुझे जब यहां तू मेरे करीब आयी थी,
मेरी उंगलियों से अपनी उंगलियां उलझा कर, तू मेरी तरफ देख मुस्कुराई थी।
हौले से मुझे अपनी ओर कर, तू लबो को कानों तक लाई थी,
तू चला गया तो रह नहीं पाऊंगी, यह कह कर मुझे तू सीने से लगाई थी।
अब जो तू नहीं है, तो गूंजता है ये कोना भी तेरे उस आवाज से।
भरी हुई है नामौजूदगी तेरी किनारों तक तेरे एहसास से।
#नामौजूदगी