झिड़कना मत,झिड़कने से कोई अपना नहीं रहता,और झिड़कियों में कोई हमसाया भी नहीं रहता//१
*जरदारो से मिलने में जरा तुम फासला रखना,जहां*गागर सागर में मिले,वहा गागर नही रहता//२*अमीर*छोटा जलाशय
तेरा नगर तो,अंदाज ए हवस वाला है,मेरे नगर में भी,अब *ऐतिहातन *कफस नही रहता//३ सुरक्षित*पिंजरा
वो*अदु फिर मेरे जख्म को हरा करने का दावा करता है,कह दो कोई उसे,मेरा मरहम अब*तदबीर का*मुदावा नही रखता//४ दुश्मन*इलाज*दावा
इश्क इक महक है,जो पाकीजा रूह में बसता है,कोई*बशर*हिज्र में भी*तन्हा नही रहता//५ इंसान*जुदाई*अकेल