एक कविता माता पिता के लिए
" वाह वाह रे प्यार तूने खूब करी है अंधेर..
अच्छे-अच्छे माता-पिता के दिल को पहुंचाया हैं ठेस
वह तो खुदा ही जाने उनके दिल की बात...
उनके कैसे गुजरे दिन और रात..
लोगों के ताने सुन सुनकर ...
दिल को दर्द से भर दिया है!
जो माता पिता का दर्द न समझे...
वह एहसान मिट्टी में मिल चुका है।
माता पिता ने बचपन से लेकर..
बड़े होने तक बड़े लाड प्यार से पाला है..
निकम्मी निकली औलाद तो
माता-पिता को दोषी ठहराया है..
माता-पिता ने किया तुम पर गर्व..
तुम थे माता-पिता के खास ।
तुम थे माता-पिता के चिराग...
उसे तुमने आज पल भर में बुझा दिया है।
©&@1patel
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