हर रोज तुम्हें निकालता हूं एक लोटा भर अपनी यादों स | हिंदी विचार

"हर रोज तुम्हें निकालता हूं एक लोटा भर अपनी यादों से से हर रोज एक समंदर मुझ पर हंसता है। ©Nitin Sharma"

 हर रोज तुम्हें निकालता हूं एक लोटा भर अपनी यादों से 



 से हर रोज एक समंदर मुझ पर हंसता है।

©Nitin Sharma

हर रोज तुम्हें निकालता हूं एक लोटा भर अपनी यादों से से हर रोज एक समंदर मुझ पर हंसता है। ©Nitin Sharma

#samandar

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