"जैसे सब कुछ खत्म हो गया।
कुछ महसूस होता नहीं।।
मौसम का रंग बेरंग हो गया।
अब आंखो में वो चमक नहीं।।
थोड़ा दर्द है।
पर दर्द का इलाज नहीं मिलता।।
हां सब ठीक है।।
पर सब ठीक नहीं लगता।।
सूर्य के प्रकाश में ।
घोर अंधेरा छाया है।।
किसी की याद में।
आंखो में आंसू आया है।।
मेरे दिल के आसमां में।
तेरे वजूद का परिंदा है।।
सब कुछ ख़त्म हुआ।
पर मुझमें अभी तू जिंदा है।।"