खुद को खुद की नज़र न लग जाये । इस तरह से शृंगार मत | हिंदी शायरी

"खुद को खुद की नज़र न लग जाये । इस तरह से शृंगार मत करना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 खुद को खुद की नज़र न लग जाये ।
इस तरह से शृंगार मत करना ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

खुद को खुद की नज़र न लग जाये । इस तरह से शृंगार मत करना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

खुद को खुद की नज़र न लग जाये ।
इस तरह से शृंगार मत करना ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

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