White बाहर बाहर फूल खिले हैं, अंदर मन मुर्झाया है। | हिंदी शायरी

"White बाहर बाहर फूल खिले हैं, अंदर मन मुर्झाया है। कौन किसी का कब होता है, ये दिल को समझाया है।  लिखने को तो हम भी लिख दें ,चांद सितारों की बातें। पर क्या हसरत रखने भर से, चांद जमीं पर आया है।। अर्चना झा ✍🏻 ©Archana Jha"

 White बाहर बाहर फूल खिले हैं, अंदर मन मुर्झाया है।

कौन किसी का कब होता है, ये दिल को समझाया है।

 लिखने को तो हम भी लिख दें ,चांद सितारों की बातें।

पर क्या हसरत रखने भर से, चांद जमीं पर आया है।।
अर्चना झा ✍🏻

©Archana Jha

White बाहर बाहर फूल खिले हैं, अंदर मन मुर्झाया है। कौन किसी का कब होता है, ये दिल को समझाया है।  लिखने को तो हम भी लिख दें ,चांद सितारों की बातें। पर क्या हसरत रखने भर से, चांद जमीं पर आया है।। अर्चना झा ✍🏻 ©Archana Jha

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