New Year 2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं | हिंदी शायरी

"New Year 2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले क्यों थक हारकर एक दिन ? सबको बदलते बदलते खुद ही बदल जाते हैं हंसने लगे थे सब पत्थर पर की, "ये बदलता क्यों नहीं ?" पहचान मिटाकर दौड़ में वो भी शामिल हुआ कहने लगा , "सब बदल रहे हैं चलो हम भी बदल जाते हैं....!" ©gaTTubaba"

 New Year 2025 दिन बदल जाते हैं 
साल बदल जाते हैं 

चेहरे ही क्यों ?
आइने भी बदल जाते हैं 


दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले 
क्यों थक हारकर एक दिन ?

सबको बदलते बदलते 
खुद ही बदल जाते हैं 


हंसने लगे थे सब पत्थर पर की,
"ये बदलता क्यों नहीं ?"


पहचान मिटाकर दौड़ में 
वो भी शामिल हुआ 


कहने लगा , "सब बदल रहे हैं 
चलो हम भी बदल जाते हैं....!"

©gaTTubaba

New Year 2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले क्यों थक हारकर एक दिन ? सबको बदलते बदलते खुद ही बदल जाते हैं हंसने लगे थे सब पत्थर पर की, "ये बदलता क्यों नहीं ?" पहचान मिटाकर दौड़ में वो भी शामिल हुआ कहने लगा , "सब बदल रहे हैं चलो हम भी बदल जाते हैं....!" ©gaTTubaba

#Newyear2025 दिन बदल जाते हैं
साल बदल जाते हैं

चेहरे ही क्यों ?
आइने भी बदल जाते हैं


दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले

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