मै सूरज को देखता हूं तो मेरे आंखो से आसू इस लिए नह | हिंदी शायरी
"मै सूरज को देखता हूं तो मेरे आंखो से आसू इस लिए नहीं आ जाते है कि उसका तप बहुत है
बल्कि इस लिए असु आत है कि मेरे अपनों को को मेरे कमियाबी से जलते देखा है मैने"
मै सूरज को देखता हूं तो मेरे आंखो से आसू इस लिए नहीं आ जाते है कि उसका तप बहुत है
बल्कि इस लिए असु आत है कि मेरे अपनों को को मेरे कमियाबी से जलते देखा है मैने