हर आतंकी सोच रहा भारत का सर्व विनाश करे।
और हमारे भारत वासी रोटी दाल की आस करें।
कोई रोता रोजगार को कोई महंगाई देखे।
किसी को है धन का खुमार कोई ना खाई देखे।।
कुएं में गिरना स्वीकार भारत किस पर विश्वास करें।।
गद्दारों का झुंड खड़ा है गद्दारी दिखलाने को।
कुछ भारत के वीर रो रहे महंगाई बड़ जाने को।
कहीं नपुंसक तो नहीं ऐसे लोग जो नाश करें।।
©Aashutosh Aman.
#आतंकवाद