परिस्थितियां आयी थी ठानकर मुझे "संकल्प" से हिलाने | हिंदी Qu

"परिस्थितियां आयी थी ठानकर मुझे "संकल्प" से हिलाने को लेकिन मैं तो पहले से ठना बैठा था आखिरकार वे थककर चूर हो गयी मजबूरियां भी "मेरे सामने" मजबूर हो गयी... ©कृतांत अनन्त नीरज... "

परिस्थितियां आयी थी ठानकर मुझे "संकल्प" से हिलाने को लेकिन मैं तो पहले से ठना बैठा था आखिरकार वे थककर चूर हो गयी मजबूरियां भी "मेरे सामने" मजबूर हो गयी... ©कृतांत अनन्त नीरज...

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