यह आवाज़ आम नहीं है  बदलते बिहार की रवानी है… छात् | हिंदी

"यह आवाज़ आम नहीं है  बदलते बिहार की रवानी है… छात्रों में जिंदा है क्रांति की मशाल उठती लौ इस बात की निशानी है….. ©लेखक ओझा"

 यह आवाज़ आम नहीं है 
बदलते बिहार की रवानी है…
छात्रों में जिंदा है क्रांति की मशाल
उठती लौ इस बात की निशानी है…..

©लेखक ओझा

यह आवाज़ आम नहीं है  बदलते बिहार की रवानी है… छात्रों में जिंदा है क्रांति की मशाल उठती लौ इस बात की निशानी है….. ©लेखक ओझा

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