सुनो! मेरी सदाओं में असर कितना है,
तुम भी जान जाओगे...
सारी कोशिशों के बाद ख़ुद को
रोक नहीं पाओगे।
रोओगे, पछताओगे, मिन्नतें मनाओगे।
तुम मानों, न मानों,
वापस तो एक रोज़ तुम आओगे।
©पूजा सक्सेना ‘पलक’
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