छुपा लो अपने गमों को अपने भीतर
सबसे हँस कर मिलो
ताकि तुम्हे देख कर कोई मुस्कुरा सके
क्योंकि रोने के लिए एक कोना है ना
जो तेरे गमों का साथी है
तो फिर क्यूँ ना मुस्कुराया जाए और
जमाने को हंसाया जाए
इस उम्मीद के साथ
कि शायद मेरे मुस्कुराने से
कोई अपना गम भूल जाए
©Anita Mishra
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